), चीनी से गर्भावस्था की जाँच (suger pregnancy test in hindi), टूथपेस्ट प्रेग्नेंसी टेस्ट (toothpest pregnancy test in hindi), सिरके से करें गर्भ की जाँच (vinegar pregnancy test in hindi), खाने के सोडा से गर्भावस्था की जाँच (baking soda pregnancy test in hindi), प्रेगनेंसी टेस्ट किट से गर्भावस्था की जाँच (pregnancy test by pregnancy test kit in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन (Physical changes in the first month of pregnancy in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: स्पॉटिंग या रक्स्राव नज़र आना- (Physical changes in first month of pregnancy: spotting/discharge in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: स्तनों का आकर बढ़ना- (Physical changes in first month of pregnancy: increase in breast size in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: कब्ज़ की समस्या होना- (Physical changes in first month of pregnancy: constipation in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: चेहरे पर कील-मुहासे होना- (Physical changes in first month of pregnancy: pimples on face in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: चेहरे पर चमक आना- (Physical changes in first month of pregnancy: glow on face in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: बार-बार पेशाब आना- (Physical changes in first month of pregnancy: frequent urination in hindi), गर्भावस्था के पहले महीने में होने वाले शारीरिक परिवर्तन: बेहोशी या चक्कर आना जैसा महसूस होना- (Physical changes in first month of pregnancy: feeling faint or dizzy in hindi), पहले महीने में गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह (Pregnancy week by week in first month in hindi), गर्भावस्था का पहला सप्ताह: ओवयूलेशन- (first week of pregnancy: ovulation in hindi), गर्भावस्था का दूसरा सप्ताह: निषेचन/फर्टिलाइजेशन- (second week of pregnancy: fertilization in hindi), गर्भावस्था का तीसरा सप्ताह: प्रत्यारोपण/इम्प्लांटेशन- (third week of pregnancy: Implantation in hindi), गर्भावस्था का चौथा सप्ताह: बच्चे का विकास- (fourth week of pregnancy: child development in hindi), आपके मन में उठने वाले गर्भावस्था से जुड़े अहम सवाल और उनके जवाब (common question regarding pregnancy and their answers in hindi), क्या मैं पीरियड के दौरान सेक्स करने पर प्रेगनेंट हो सकती हूँ? Pregnancy ke first trimester me bleeding normal hai par jab kuch pareshani ya kuch alag sa mehsus ho to ye garbhpat ke lakshan bhi ho sakte hai. Kya period delay k baad implantation bleeding hoti h Crazy (college) bucket list ideas? सही समय से जानकारी लें और उचित जाँच कराए| Miscarriage Symptoms: Janiye Garbh Paat Ke Lakshan हम आपको कुछ ऐसे गर्भ ठहरने के लक्षण बता रहे हैं जो आमतौर पर गर्भावस्था के समय देखे जाते हैं : आमतौर पर महीना ना आना या मासिक धर्म में देरी (late periods in hindi) को गर्भ ठहरने के लक्षण (pregnancy symptoms in hindi) माना जाता है। हालांकि यह ज़रूरी नहीं कि गर्भावस्था की वजह से ही मासिक धर्म में देरी (late period) हो, लेकिन फिर भी ज्यादातर महिलाओं में मासिक धर्म (periods in hindi) में देरी गर्भ ठहरने के लक्षण होते हैं।  अंडे के गर्भ की दीवार पर चिपकने के बाद हल्का रक्त निकलता है, जिसे कुछ लोग लेट पीरियड्स (late periods) समझ लेते हैं, जबकि इसे स्पॉटिंग (spotting in hindi) कहा जाता है। प्रेग्नेंट होने का यह लक्षण गर्भावस्था के चौथे हफ़्ते में नज़र आता है। अगर आपको स्पॉटिंग (spotting) हो रही है तो आप प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए गर्भावस्था की जाँच भी करवायें। (2), प्रेगनेंसी प्लानिंग (planning for pregnancy) करने वाले कपल्स को गर्भावस्था शुरू होने से पहले किये गये सेक्स के बाद गर्भ ठहरने के लक्षण के रूप में हल्का ब्लीडिंग यानी स्पॉटिंग (spotting) नज़र आता है। जब स्पर्म महिला के अंडे के साथ निषेचित होकर भ्रूण (fetus in hindi) या निषेचित अंडा (fertilised egg in hindi) बनता है, तब करीब एक से दो हफ़्तों में वह गर्भवती के गर्भाशय से जुड़ जाता है, इससे गर्भवती को हल्की ब्लीडिंग (bleeding in pregnancy) होती है। यह लक्षण गर्भ ठहरने के पहले हफ़्ते से चौथे हफ़्ते के बीच दिखाई देता है। अगर आपको गर्भ ठहरने का यह लक्षण ना नज़र आये तो परेशान ना हों, हर गर्भवती महिला के साथ ऐसा होना ज़रूरी नहीं है। (3), जी मिचलाना या जी घबराना (morning sickness in hindi) प्रेगनेंसी के लक्षण हैं। डॉक्टर्स के अनुसार लगभग 65 प्रतिशत से 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं जी घबराने और उल्टी की समस्या से प्रभावित होती हैं। यह लक्षण प्रेगनेंसी के 4 से 6 हफ़्तों में नज़र आता है। इसका नाम मॉर्निंग सिकनेस है , इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आपको यह समस्या सुबह के समय ही होगी। मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness in hindi) गर्भवती को दिन के किसी भी समय हो सकती है। कुछ महिलाओं को दूसरी तिमाही की शुरुआत में जी घबराना या उल्टी की समस्या से निजात मिल जाती है, वहीं कुछ पूरी गर्भावस्था के दौरान इससे परेशान रहती हैं। (4), प्रेगनेंसी का लक्षण स्तनों में दर्द होना (breast pain in hindi) भी है। गर्भवती को इस दौरान ब्रेस्ट्स में सूजन (sore breast in hindi), हैविनेस (breast heaviness in hindi) और संवेदनशील महसूस होता है। यह लक्षण गर्भावस्था के 4 से 6 सप्ताह में दिखाई देता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रॉन(progesterone in hindi) और एस्ट्रोजन हार्मोन (estrogen hormone in hindi) के स्तर में बदलाव आने की वजह से स्तनों में बदलाव आरम्भ  होता है। आरामदायक ब्रा पहनने से स्तनों का दर्द कम हो जाएगा। (5), अगर आपको मनोदशा या मूड में बदलाव महसूस होते हैं, जैसे अचानक बहुत खुश या उदास होना, इन्हें मूड स्विंग्स (mood swings in hindi) कहते हैं और ये प्रेग्नेंट होने के लक्षण हैं, ये गर्भ ठहरने के छठे हफ़्ते में दिखने लगता है। गर्भावस्था की शुरुआत में आपके शरीर में बड़े स्तर पर हार्मोन सम्बंधी बदलाव होते हैं, जिनसे आप मूड स्विंग्स (mood swings in hindi) महसूस करने लगती हैं। लेकिन इसे गर्भवती होने का सबूत ना समझें, गर्भावस्था की पुष्टि के लिए डॉक्टर से जाँच करवायें या प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) की सहायता लें। (6), आपके सिर में दर्द होना भी गर्भावस्था के लक्षणों में एक हो सकता है, कई विशेषज्ञ इसे गर्भावस्था का प्रमुख लक्षण भी मानते हैं। लेकिन सिर में दर्द कई अन्य कारणों से भी हो सकता है, इसलिए खुद किसी नतीजे पर पहुँचने से पहले एक चिकित्सक से सलाह लें और बताई गई दवाएँ ही लें। (7), गर्भावस्था की शुरुआत में ज्यादातर गर्भवती महिलाएं बहुत थका हुआ महसूस करती हैं। प्रेगनेंसी (pregnancy) के वक़्त शरीर में होने वाले बदलावों और प्रोजेस्ट्रॉन (progesterone) के स्तर के बढ़ने से गर्भवती को थकान होना गर्भ ठहरने के लक्षण हैं। यह गर्भावस्था के नौवें हफ़्ते में नज़र आता है। गर्भावस्था में आपका शरीर बच्चे के लिए खुद को तैयार करने लगता है और ऐसे में शुगर या बीपी (ब्लडप्रेशर/ blood pressure in hindi) सम्बंधी समस्याएं भी आपको थका सकती हैं। गर्भावस्था की शुरुआत और आखिरी समय में गर्भवती ज्यादा थका हुआ महसूस करती है। (8), गर्भावस्था शुरू होने के साथ ही गर्भवती के शरीर में बड़ी मात्रा में हार्मोन (hormone in hindi) सम्बंधी बदलाव होने लगते हैं। गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर बढ़ने के कारण पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और भोजन जमा होने की वजह से गर्भवती को पेट बढ़ता हुआ महसूस होता है, यह प्रेगनेंसी का लक्षण है, जो कि गर्भ ठहरने के 4 से 6 हफ़्ते में नज़र आता है। अक्सर गर्भवती इस बढ़ते पेट को गर्भाशय में शिशु का विकास समझ लेती है, जो कि सही नहीं है। (9), अक्सर मासिक धर्म के समय महिलाओं के शरीर का तापमान (fever during pregnancy in hindi) बढ़ जाता है। लेकिन अगर आपके मासिक धर्म में देरी होने के बाद कई दिनों (10 दिनों से 18 दिनों) तक शरीर का तापमान ज्यादा महसूस हो तो यह प्रेगनेंसी का लक्षण है। आमतौर पर गर्भ का यह लक्षण गर्भावस्था के छठे हफ़्ते में दिखाई देता है। (10), अगर आपको अचानक किसी खास तरह के भोजन में से गंध आने लगती है और आप उसे नापसन्द करने लगती हैं, तो ये गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं। इस दौरान कुछ गर्भवती महिलाएं मुँह के कड़वे स्वाद (bitter test) से परेशान रहती हैं, वहीं कुछ को दूध, अंडे या चाय आदि की खुशबू से परेशानी होती है और वो ऐसे भोजन से बचना पसन्द करती हैं। आमतौर पर यह गर्भावस्था की पहली तिमाही में ज्यादा दिखाई देता है। (11), गर्भावस्था की शुरुआत के समय गर्भवती को कुछ विशेष चीजें खाने की इच्छा (food cravings in hindi) हो सकती हैं, जैसे इमली, कच्चा आम, अमरूद, चॉकलेट, आइसक्रीम आदि खाने का मन हो सकता है।(pregnancy food cravings and pregnancy in hindi )। यह लक्षण गर्भ ठहरने के तीन माह बाद दिखाई देता है। कुछ महिलाओं को शरीर में आयरन एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी की वजह से मिट्टी, कोयला आदि खाने का मन करता है, जिसे पीका सिंड्रोम (PICA syndrome in hindi) कहते हैं। गर्भवती को ऐसी चीजें ना खाने दें, ये माँ और बच्चे दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के आहार का विशेष ध्यान रखें, अन्यथा गर्भवती महिला के शरीर में पोषक तत्वों और विटामिन्स (vitamins and mineral in hindi) की कमी हो सकती है। (12), ब्रेस्ट के चारों तरफ गहरे भूरे या काले रंग का एक घेरा होता है, गर्भवती होने पर गर्भवती महिला के स्तन के इस हिस्से का रंग गहरा हो जाता है, यह प्रेगनेंट होने के लक्षण है, जो कि गर्भ के 11वें हफ़्ते में दिखाई देता है। लेकिन यह ज़रूरी नहीं की सभी गर्भवती महिलाओं के निप्पल के इस भाग (breast nipple) का रंग बदले। (13), अक्सर महिलाएं अपनी गर्भावस्था के बारे में खुलकर बात करने में संकोच करती हैं। ऐसे में डॉक्टर के पास जाकर अपने गर्भवती होने की जाँच करवाना उन्हें बहुत मुश्किल लगता है, जबकि उनके लिए घर पर ही गर्भावस्था की जाँच करना आसान उपाय है। इसलिये अगर आपको गर्भ ठहरने के लक्षण जानकर अपनी गर्भावस्था की घरेलू जाँच करनी है तो कुछ घरेलू उपाय (14) आज़मा कर देखें -, घरों में आसानी से मिलने वाली चीनी से प्रेगनेंट होने के लक्षण की जाँच की जा सकती है।, जी हाँ, आप टूथपेस्ट से भी गर्भ ठहरने की जाँच कर सकती हैं। इसके लिए आपको सफेद टूथपेस्ट चाहिए ।, एक प्लास्टिक के बाउल या कप और सफेद सिरके से भी आप गर्भ की जाँच कर सकती हैं।, खाने के सोडा से गर्भ ठहरने की जाँच ऐसे करें -, आप घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit in hindi) से गर्भवती होने की जाँच (15) कर सकती हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi)  सही तरह से करने के लिए निम्न चरण अपनायें -, गर्भ ठहरने का पता लगाने का सबसे सही तरीका खून की जाँच करवाना है, डॉक्टर रक्त में hCG हार्मोन (प्रेगनेंसी हार्मोन) की मात्रा की जाँच करके गर्भावस्था के बारे में आपको 100 प्रतिशत सही जानकारी दे सकते हैं। इसलिए अगर संभव हो, तो डॉक्टर के पास जाकर गर्भावस्था की जाँच करवायें।, वैसे तो गर्भावस्था के पहले महीने में आप को अपने शरीर में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं दिखेंगे। लेकिन फिर भी इस दौरान आपको निम्नलिखित शारीरिक परिवर्तन महसूस हो सकते हैं।, गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में जब निषेचित अंडा खुद को गर्भाशय की दिवार से जोड़ता है, तो इसे प्रत्यारोपण/इम्प्लांटेशन कहते हैं। इस कारण आपको रक्तस्राव या स्पॉटिंग नज़र आ सकती है। आपको अपने अंडरवियर या योनि पोछने पर इसके निशान दिख सकते हैं। इस दौरान आपको हल्की ऐंठन भी महसूस हो सकती है।, गर्भधारण करने के बाद शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव और स्तनों में बढ़ते रक्त-प्रवाह के कारण आपको अपने स्तन का आकार बड़ा और नसे उभरी हुई नज़र आ सकती है।, इस दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन के बढ़ते स्तर के कारण आपको अपने स्तन अधिक नरम एवं संवेदनशील महसूस हो सकते हैं। इसे गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है।, बच्चे को दूध पिलाने के लिए आपके स्तन में होने वाले बदलावों में एक बदलाव उसके निप्पल के चारो तरफ भूरे रंग का भाग(एरियोला) का आकार बढ़ना और और रंग गहरा होना भी शामिल है।, प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की मात्रा में वृद्धि होने के कारण गर्भवती महिला का पाचन तंत्र धीमी गति से काम करना शुरू कर देता है। इस वजह से कई महिलाओं को कब्ज़ की समस्या हो सकती है।, आपके शरीर में बढ़ते हुए हार्मोन के कारण सीबम नामक तेल का उत्पादन बढ़ जाता है। इस वजह से आपके त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं और आपको कील-मुहासों की समस्या हो सकती है।, गर्भधारण करने के बाद आपकी त्वचा अधिक नमी बरक़रार रख पाती है। ऐसे में प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के बढ़ते स्तर और शरीर में बढ़े हुए रक्त प्रवाह से आपके चेहरे में चमक आ सकती है।, शरीर में खून की मात्रा बड़ जाने के कारण किडनी को अधिक रक्त फ़िल्टर करना पड़ता है, इसलिए अधिकांश गर्भवती महिलाओं को बार-बार पेशाब जाने की ज़रूरत पड़ सकती है। गर्भाशय के आकार बढ़ने के कारण आपके मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, इस वजह से भी आपको अधिक पेशाब आ सकता है। इसे गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है। गर्भावस्था के पांचवें-छटवे हफ्ते में आपको इसका अनुभव हो सकता है।, इस दौरान हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण आपके रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं। इससे बच्चे तक रक्त का प्रवाह तो बढ़ जाता है लेकिन रक्त वापस नसों में बहुत धीमी गति से आता है। इस कारण आपके शरीर का रक्तचाप सामान्य से कम हो जाता है और मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुँच पाता। इस कारण आपको बेहोशी या चक्कर आना जैसा महसूस होता है।, गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी होने या ब्लड शुगर लेवल कम होने पर ये समस्या ज्यादा उभर कर सामने आती है।, हालाकिं गर्भावस्था का पहला महीना आपके आखिरी मासिक धर्म(एलएमपी) के बाद तीसरे सप्ताह से शुरू होता है। लेकिन आपको समझने में आसानी हो इसलिए हम यहाँ गर्भधारण करने से पहले होने वाले ओवयूलेशन और फर्टिलाइज़ेशन के बारे में भी बता रहे हैं।, ओवयूलेशन का समय आपके मासिक चक्र पर निर्भर करता है। इस दौरान आपका शरीर गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है। फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन की वजह से एक परिपक्व अंडा अंडाशय से बाहर निकल कर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है। यहाँ परिपक्व अंडा 12 से 24 घंटे तक निषेचन के लिए शुक्राणु का इंतज़ार करता है।, अगर आप ओवयूलेशन के सही समय पर सेक्स करते हैं, तो आपके साथी का शुक्राणु बेसब्री से इंतज़ार कर रहे अंडे को भेदते हुए उसके अंदर घुस जाता है। इस तरह अंडा निषेचित होकर फैलोपियन ट्यूब से गर्भ में चला जाता है।, अंडे के निषेचित होते ही बच्चे में आपके और आपके साथी के गुणसूत्र चले जाते हैं, जो आगे चलकर आपके बच्चे के रूप-रंग का निर्माण करता है। आपको शायद अभी तक अपने गर्भवती होने का अंदाज़ा भी नहीं होगा।, निषेचित अंडे को युग्मज(जाइगोट) कहते हैं। गर्भ में पहुँचने तक निषेचित अंडा कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है, जिसे हम भ्रूण भी कह सकते हैं। यह खुद को गर्भाशय की दीवार से जोड़ लेता है। इस पूरे प्रक्रिया को इम्प्लांटेशन कहते हैं।, इस दौरान आपको हल्की स्पॉटिंग या रक्तस्राव हो सकता है। अधिकांश महिलाएं इसे पीरियड समझ लेती हैं।, भ्रूण अगले नौ महीने तक बढ़कर आपके शिशु के रूप में विकसित हो जाएगा।, इस समय तक आपके बच्चे का विकास तेजी से हो रहा है। वह अभी केवल एक तिल जितना बड़ा है। कोशिकाओं का गुच्छा तीन परतों में विभाजित हो रहा है, जो आगे चलकर आपके शिशु के अंगों और उत्तकों का निर्माण करेगा।, सबसे पहली परत से न्यूरल ट्यूब का निर्माण होगा जो आगे चलकर दिमाग, रीढ़ की हड्डी, मेरुदंड और तंत्रिकाएं विकसित करेगा।, बीच वाली परत से शिशु का दिल और रक्त संचरण तंत्र का निर्माण होगा जो शरीर में खून पहुँचाने का काम करेगा।, आख़िरी परत शिशु के फेफड़े, आंतें और पेशाब की थैली के रूप में विकसित होंगे।, अब तक प्लेसेंटा का निर्माण शुरू हो गया है, जो आगे चलकर शिशु को आवश्यक पोषण और ऑक्सीजन पहुँचाएगा।, गर्भावस्था के इस हफ्ते के दौरान बच्चे का दिल तेज़ी से धड़कना शुरू हो जाता है, जो समय के साथ नियमित हो जाएगा। इस समय तक वह मटर के दाने के आकार का हो चुका है।, बच्चे के मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर के अंगों का निर्माण भी शुरू हो गया। शिशु में ऐसे उभार दिखाई देने लगे हैं, जो आगे चलकर हाथ और पांव में बदल जाएंगे।, शिशु में चेहरे का निर्माण भी शुरू हो गया है। उसके मुँह, आँखें, नथुने आदि बनने लगे हैं।, अब तक शायद आपको इस बात का पता न चले कि आप गर्भवती हैं। गर्भावस्था के कुछ शुरुआती लक्षण जैसे थकान महसूस होना, बार-बार पेशाब जाना आदि आपमें नज़र आ सकते हैं।, हर वो महिला जो गर्भवती है या गर्भवती होने के लिए कोशिश कर रही है, के मन में प्रेगनेंसी से जुड़े ढेर सारे सवाल आते हैं। यहां हमने आपको कुछ अहम सवालों के जवाब देने की कोशिश की है।, ज्यादातर लोगों का ये मानना है कि पीरियड के दौरान सेक्स करने से प्रेगनेंसी नहीं होती। लेकिन विशेषज्ञों की माने तो ये मुश्किल है, नामुमकिन नहीं। यह पूरी तरह से आपके मासिक धर्म चक्र पर निर्भर करता है।, अगर आपका मासिक धर्म चक्र छोटा रहता है और आपकी माहवारी 6-7 दिन तक चलती है, तो आप पीरियड के दौरान भी असुरक्षित सेक्स करने पर प्रेगनेंट हो सकती हैं। क्योंकि स्पर्म आपके शरीर में 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं। इस दौरान स्पर्म बच्चेदानी की अंदरूनी सतह(सवाईकल म्यूकस) से जुड़ा रहता है।, अगर इस दौरान आपकी ओवरीज़ ने अंडे रिलीज़ कर दिए यानि ओवयूलेशन हो गया, तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं।. गर्भ ठहरने के लक्षण कब दिखते हैं? डेटॉल से घर में प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें | Dettol Pregnancy Test In Hindi, बेकिंग सोडा से घर में प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें? Slight bleeding or cramping as the embryo implants in your uterus (implantation bleeding) Most doctors recommend that you wait until the first day of your missed period before taking a urine pregnancy test. अगर एक्टोपिक गर्भावस्था का जल्दी पता न चले, तो नलिका में खिंचाव पड़ सकता है, जिसके कारण यह फट भी सकती है। नलिका फटने से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है, जिसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं, जैसे: दस्त लगना या पेशाब करते समय दर्द महसूस होना।. अगर आपको अस्थानिक गर्भावस्था है, तो जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना होगा। देरी होने पर फैलोपियन ट्यूब के फटने का खतरा हो सकता है। यहां हम अस्थानिक गर्भावस्था के इलाज के बारे में बता रहे है: अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता शुरुआत में ही चल जाए, तो डॉक्टर मिथोट्रेक्सेट (Methotrexate) नामक दवा के जरिए इस प्रेगनेंसी को समाप्त कर सकते हैं (6)।, अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी की आशंका है, तो डॉक्टर ‘कीहोल सर्जरी’ कर सकते हैं। इसमें, छोटा-सा चीरा लगाकर पेट के जरिए डिवाइस अंदर डालकर नलिकाओं का निरीक्षण किया जाता है। अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी नजर आती है, तो लेप्रोस्कोप के जरिए ट्यूब को काटकर एक्टोपिक प्रेगनेंसी को निकाल दिया जाता है। वहीं, अगर फैलोपियन ट्यूब फट जाती है, तो कीहोल सर्जरी की जगह पेट का ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन ऐसा कम मामलों में ही होता है।, सर्जरी करने के बाद डॉक्टर फिर से एचसीजी का स्तर जांचते हैं। अगर एचसीजी का स्तर कम नहीं होता है, तो डॉक्टर मिथोट्रेक्टेस का इंजेक्शन लगा सकते हैं।, नोट : अगर महिला को किसी अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्या है या शिशु को स्तनपान करवा रही है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसे में हो सकता है कि डॉक्टर दवा न देकर किसी अन्य विकल्प को अपनाएं।, अब आप जान चुके हैं कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज कैसे किया जा सकता है। आइए, अब पता करते हैं इसकी रोकथाम के बारे में।. (is it safe to travel during pregnancy), क्या गर्भावस्था में सेक्स करना सुरक्षित है? Vo pregnant hai ya nhi. डॉक्टर के अनुसार गर्भावस्था की पहली तिमाही में आपको यात्रा करने से बचना चाहिए। इस दौरान आपको मॉर्निंग सिकनेस जैसे, जी घबराना, उल्टी आना आदि की वजह से यात्रा के दौरान समस्याएं आ सकती हैं।, दूसरी तिमाही को यात्रा करने के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन बस, ऑटो, बाइक आदि से सफर करते वक्त आप अपना खास ख्याल रखें और उबड़-खाबड़ रास्तों से बचकर या संभलकर चलें। जहाँ तक संभव हो आपको खुद गाडी चलाने से बचना चाहिए।, गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में डॉक्टर बिलकुल भी यात्रा करने की सलाह नहीं देते। इस दौरान आपको कोई भी जोखिम उठाने से बचना चाहिए। बहुत ज़रूरी होने पर आप डॉक्टर की सलाह लेकर कार, ट्रैन, फ्लाइट से सफर कर सकते हैं लेकिन बाइक, ऑटो, बस आदि से यात्रा न करना ही आपके लिए सुरक्षित है।, गर्भावस्था के दौरान यात्रा करते समय आपको अपना विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत होती है। अगर आपको गर्भावस्था से संबंधित कोई समस्या है, तो सफर करने के पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।, विशेषज्ञों की माने तो अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान कोई समस्या या जटिलताएँ नहीं है, तो सेक्स करना बिलकुल सुरक्षित है। इससे बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा। इस दौरान आप कुछ सावधानियां और विशेष अवस्थाएं अपना कर सेक्स का आनंद ले सकती हैं। अगर आपको कोई समस्या जैसे, योनि से रक्त स्राव होना, पहली प्रेगनेंसी में गर्भपात होना, प्लेसेंटा प्रिविआ आदि है, तो सेक्स करने से बचना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।, गर्भवस्था के दौरान हल्के-फुल्के काम करना आपके लिए अच्छा होता है, लेकिन आपको भारी-भरकम काम जैसे वजनदार चीज़ें उठाना, पोंछा मारना, सामान उठाकर सीढ़ियों से चढ़ना या उतरना, ऊंचाई पर चढ़कर चीज़ें निकालना या साफ़ करना आदि से बचना चाहिए।, इस समय आपके गर्म में पल रहे बच्चे की वजह से आपके कमर में दबाव बना रहता है, अगर आप भारी वजन उठाएंगी, तो इससे दबाव और बढ़ सकता है। जिससे आपकी प्रेगनेंसी में जटिलताएँ आ सकती हैं, आपको लम्बे समय तक एक ही जगह बैठे या खड़े रहने से बचना चाहिए। आपको झुकते समय विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत है। इस दौरान एक बार में ही झुकने के बजाय अपने घुटनों को मोड़कर सीधा झुकना सुरक्षित होता है।, एम. अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण | Ectopic Pregnancy Ke Lakshan. Jaaniye 1st week pregnancy symptoms before missed period in Hindi. (pregnancy ke lakshan kab dikhte hain) प्रेगनेंसी के बारह (12) लक्षण, जो आमतौर पर दिखते हैं। (garbhavastha ke lakshan - common symptoms in hindi) Hello i m mahi or mere period kab aye the mujhe actual date yaad nahi h or maine apne husband ke sath 17 december ko sex kia tha vese mere period date 5 6 hai par is bar asa nai hua to kuch ho sakta he or me kab test karu jo muje pata chale plz reply me i am very confuse plz help me. Find on-line health supplements and herbal beauty discount products here. Reply. 1st week pregnancy symptoms before missed period itne halke hote hai ki mahila in par jyada dhyan nahi deti hai. (Is it OK to have sex during pregnancy? गर्भावस्था के पहले महीने में क्या लक्षण नज़र आते हैं, शरीर में क्या बदलाव होते हैं, इस दौरान क्या खाना चाहिए, ऐसे तमाम पहलुओं के बारे में विस्तार से जानिए | We provides Herbal health and beauty products made in USA. What Are The Effects Of Eating Junk Food In Kids? ), क्या मैं गर्भावस्था के दौरान घर का काम कर सकती हूँ? आज की इस पोस्ट के माध्यम से अपने जाना Pregnancy Ke Lakshan Kitne Din Me Dikhte Hai, अगर आपके मन मे कुछ प्रश्न है Pregnancy Ke Lakshan Kitne Din Me Dikhte Hai इसको लेकर तो … (pregnancy ke lakshan kab dikhte hain), प्रेगनेंसी के बारह (12) लक्षण, जो आमतौर पर दिखते हैं। (garbhavastha ke lakshan - common symptoms in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : मासिक धर्म में देरी (pregnancy symptoms in hindi : late periods in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : ब्राउन डिस्चार्ज और पेट मे हल्का दर्द (pregnant hone ke lakshan : brown discharge and cramping in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : जी मिचलाना / उल्टी (garbhavati hone ke lakshan : vomiting in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : स्तनों में सूजन और दर्द (pregnancy symptoms in hindi : sore breast and breast pain in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : मूड स्विंग (pregnancy ke lakshan : mood swings in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : सिरदर्द होना (pregnancy symptoms in hindi : headache during pregnancy in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : थकान महसूस होना (garbhavastha ke lakshan : thakaan mahsoos hona), गर्भ ठहरने के लक्षण : पेट का बढ़ना (garbhdharan karne ke lakshan : pet ka badhna), गर्भ ठहरने के लक्षण : शरीर का तापमान बढ़ना (pregnancy ke lakshan : high body temperature in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : भोजन में अरुचि (pregnancy symptoms : bhojan me aruchi), गर्भ ठहरने के लक्षण : कुछ ख़ास खाने की इच्छा (pregnancy ke lakshan : food cravings in hindi), गर्भ ठहरने के लक्षण : निप्पल का रंग बदलना (pregnant hone ke lakshan : change in breast colour in hindi), घर पर गर्भावस्था की जाँच कैसे करें?